Description of the Book:
“स्वांतः सुखायः- कुछ शब्द स्वयं के खातिर” एक कविता संग्रह है जो आपकी भावनाओं को शब्दों में पिरोता है और उनका उत्सव मनाता है| ये कविताएं आपकी निजी भावनाओं को व्यक्त करती हैं, जो आपके जीवन के अनुभवों से बुनी गई हैं। ये पंक्तियाँ आपकी गहरी, अनकही और ईमानदार भावनाओं को संबोधित करती हैं, जिनसे आपको समय-समय पर गुजरना पड़ता हैं। अत: आपकी भावनाओं को नमन और आपकी दिलों की बातों को सलाम!
स्वांतः सुखाय-कुछ शब्द स्वयं के खातिर!
SKU: 9789369547074
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Author's Name: श्रुति पाल
About the Author: लेखिका श्रुति पाल की कलम में एक सपना बसता है, जो उनके दिल की गहराइयों से निकलता है। वह एक बैंकर हैं जिसका दिल कविता और कहानियों से भरा है। उनकी लेखनी में भावनाओं का संगम है, जो पाठकों के दिलों को छूता है। वह मानती हैं कि शब्दों की शक्ति से दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाया जा सकता है, जहां प्रेम, सहानुभूति और समझ एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं। Book ISBN: 9789369547074