Description of the Book:
ईश्वर की बनाई इस सृष्टि के कई रंगरूप है। जिंदगी जैसे जैसे आगे बढ़ती है तब हमारी आयु के साथ साथ समझदारी और अनुभव, नज़रो से नज़रिए को समजाते है। समय के साथ साथ परिपक्व बनाते है। हमारे आसपास की घटनाएं सोचने की प्रक्रिया को और भी तेज़ करती है। हमारी भावनाओं को एक दूसरे के साथ जोड़ती है और जब इसे शब्दोंमें अभिव्यक्त करते है तब सब को लगता है की, ये तो हमारी बात है! इस पुस्तक में एकदम सरलरूप से कुदरत, मानवीय पहलु और सांप्रत घटनाओं को कविता के ज़रिए पेश करने का नम्र प्रयास किया है। हाँ, अगर आज के परिप्रेक्ष्य में कहे, तो जीवन का हर पल हमारे साथ "सेल्फी" लेता है। ये जीवन है...
ये जीवन है...
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Author Name: Minal Shukla About the Author: गुजरात की निवासी श्रीमती मिनल शुक्ल एक अनुभवी लेखिका है। साऊथ गुजरात यूनिवर्सिटी में से पत्रकारिता का अभ्यास करने के अलावा, उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी में से LLB करके अनुस्नातक पुर्ण किया। वांचन, लेखन और प्रकृति में रूचि रखनेवाली मिनल, समाचारपत्रो, समायिकों में विविध विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करती है। मिनलने नाट्य प्रतियोगिताओ में भी कई पारितोषिक और प्रमाणपत्र हासिल किये है। अपने "सिखना और सिखाना" के सिद्धांत में यकीन रखनेवाली मिनल ने, अपने विचारों को "ये जीवन है..." किताब में प्रस्तुत कीया है। Book ISBN: 9780463775165