"यह संग्रह भावनाओं, अनुभवों और आत्म-अन्वेषण की कविताओं का एक सजीव दस्तावेज़ है। आकांक्षा प्रिया की कविताएँ जीवन के उन लम्हों को छूती हैं जहाँ मौन बोलते हैं और साधारण बातें गहराइयाँ ले लेती हैं।
प्रेम, खोई हुई इच्छाएँ, आत्मसंघर्ष और उम्मीद — इस पुस्तक में हर कविता एक अंतर्मुखी यात्रा है, जो पाठक को सोचने, ठहरने और खुद से मिलने का अवसर देती है।
यह पुस्तक एक यात्रा है — भीतर से बाहर की और फिर वापस भीतर की। यह उन सभी के लिए है जो ठहर कर अपने भीतर झांकना चाहते हैं, जो भावनाओं को सिर्फ पढ़ना नहीं, महसूस करना जानते हैं।"
मनरेखा
Author's Name: आकांक्षा प्रिया
About the Author: आकांक्षा प्रिया पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और एक Big 4 फर्म में कार्यरत हैं। झारखंड में पली-बढ़ी आकांक्षा को बचपन से ही लेखन और कविता का शौक रहा है। उनकी कविताएँ आत्मअन्वेषण, स्त्री-अस्मिता और जीवन के सूक्ष्म अनुभवों को सादगी से अभिव्यक्त करती हैं।
Book ISBN: 9789372134988