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Description of the Book:

 

जय जिनेंद्र

जिन्दगी को जिया है मैने अलग नजरों से, हर वक्त एक ऊर्जा के साथ निभाया है, अपनी जिम्मेदारियों को।

जीवन में कुछ ऊंचे निचे पल भी आये होंगे पर कभी लगा ही नही की कोई परेशानी है।
ये ही ऊर्जा सभी को अपना बनाने में सहयोगी रही।
जिंदगी बहुत हसीन है ये मुझे यकीन है
परिवार का साथ मिला इसलिये, मेरी दुनिया रंगीन है।

मैं एक गृहिणी हूँ फिर भी उम्र के इस पड़ाव पर बहुत कुछ अनुभव हो चुके है और इन्हीं अनुभवों के अलग अलग विषय के रूप में मेरी ये किताब है जो सरल शब्दों में मेरी अभिव्यक्ति है।

मेरे सपने, मेरे अपने

SKU: 9789363318977
₹110.00Price
  • Author's Name: Vandana Jain

    About the Author: जब से मैं इस दुनिया में आई हूं, मैंने अपनी माँ का सिर्फ प्यार और निस्वार्थ रूप देखा है। शायद किसी और ही मिट्टी से बनती है हमारी माँ। वो हमेशा अपने परिवार की ज़रूरतों को अपनी इच्छाओं से ऊपर रखती है। हम कभी-कभी भूल जाते हैं कि वो सिर्फ एक माँ या पत्नी नहीं, एक इंसान भी है जिनके खुदके शौक, प्रतिभा और जुनून है - उनका ये रूप अक्सर छुपा हुआ ही रह जाता है। यह किताब मेरी माँ की लिखी हुई कविताओं का एक संग्रह है जो उन्होंने अपनी जिंदगी के अलग-अलग पड़ाव में लिखा था। ये किताब उनकी पहचान है - जहां वो सिर्फ मेरी माँ नहीं बल्कि एक आम इंसान की तरह मुस्कुराती है, रोती है, उदास भी होती है पर हमारी ही तरह अपनी जिंदगी जीने की कोशिश कर रही है। आशा करती हूं आपको भी यह किताब उतनी ही पसंद आएगी जितनी मुझे है। अपनी माँ को ये जरूर पढ़ाएं। लव यू मम्मा। - हिमानी जैन
    Book ISBN: 9789363318977
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