Description of the Book:
यह संग्रह दिन-प्रतिदिन होने वाले घटनाओं में छुपे दर्द, उत्साह तथा उमंग को प्रतिबिंबित करने का कवयित्री द्वारा किया गया प्रथम प्रयास है। जहाँ इसमें माँ, पिता, भाई, भाभी, पति, बेटा, बेटी जैसे नजदीकी रिश्तों को एक अलग ही अंदाज में महसूस करवाने वाली पंक्तियाँ हैं। वहीं नारी मन की व्यथा और उससे उबरने के सामर्थ्य का भी विवरण है। इसमें कुछ अहसासों तथा जज़्बातों को झूले, पतंग इत्यादि से तुलना करने की कोशिश भी है। कुछ प्यार की बातें हैं, तो कुछ अनसुलझे प्रश्न हैं और हैं कुछ बिखरे हुए जज़्बात।
जज़्बात और रिश्ते-मन का परिंदा
SKU: 9789369544523
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Author's Name: नविता नागर
About the Author: लेखिका ने संस्कृत, राजनीति शास्त्र और शिक्षा-शास्त्र में स्नातक होने के पश्चात शिक्षा-स्नातक (बी-एड) किया है। वे संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी हैं जिससे उन्हें रिश्तों में आने वाली मिठास और खटास की बहुत अच्छी समझ विकसित होने में बहुत मदद मिली है। उन्होंने अनछुई अनुभूतियों, उलछनों और अनुभवों को बहुत ही सरल व सहज शब्दों में पिरोने का कार्य बखूबी किया है। लेखिका का मन की भावनाओं को पूर्ण सच्चाई से लिखित रूप देने का यह पहला कदम है। Book ISBN: 9789369544523