Description of the Book:
"जीवन का ताना बाना" एक संग्रह है उन कविताओं का जो जीवन के विविध पहलुओं, भावनाओं और अनुभवों को अभिव्यक्त करती हैं। इस पुस्तक में समाहित कविताएँ जीवन के संघर्षों, खुशियों, दुखों और उम्मीदों को शब्दों में पिरोती हैं। हर कविता एक अलग कहानी कहती है, एक नए दृष्टिकोण से जीवन को समझने का प्रयास करती है।
जीवन का ताना बाना
SKU: 9789363307384
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Author's Name: Shivani Garg
About the Author: शिवानी नई और प्रतिभाशाली कवयित्री हैं, जो एक गृहिणी हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के शामली में हुआ था। गृहिणी के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए, उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों और अपने आसपास के लोगों की भावनाओं को अपनी कविताओं के माध्यम से अभिव्यक्त किया है। उनकी रचनाओं में घरेलू जीवन की स्थितियों, संघर्षों और संवेदनाओं का सजीव चित्रण मिलता है। शिवानी की प्रमुख कविताओं में पीहर, बेटियाँ, चार लोग और हारी नहीं हूँ मैं शामिल हैं, जो पाठकों को गहराई से छू जाती हैं। उनकी लेखनी में सादगी, आत्मीयता और जीवन के प्रति गहरी समझ का अद्भुत मेल देखने को मिलता है। शिवानी ने अपनी कविताओं के माध्यम से न केवल अपने अनुभवों को साझा किया है, बल्कि कई अन्य गृहिणियों और महिलाओं को अपने भाव प्रकट करने की प्रेरणा भी दी है। Book ISBN: 9789363307384