Description of the Book:
"ख़्वाब… जो कभी आँखों में चमकते हैं, तो कभी तकिये पर अनकहे सवाल बनकर जगाते हैं। यह किताब उन्हीं सपनों की बात करती है—जो जीए गए, अधूरे रह गए, या अब अपनी मंज़िल तक पहुँच रहे हैं।
इन कविताओं में प्रेम, संघर्ष, उम्मीद और जीवन के रंग बसे हैं। हर शब्द एक एहसास है, हर पंक्ति एक सफ़र। अगर आपने भी कभी कोई ख़्वाब संजोया है या ज़िंदगी की धूप-छाँव में ठहरकर सोचा है, तो ये कविताएँ आपको अपनी सी लगेंगी। आइए, इन पन्नों में खुद को तलाशें..."
ख़्वाब हज़ार - पहली कोशिश चंद हक़ीक़त से भरे सपनों को कागज़ पर उतारने की मेरी पहली
SKU: 9789369533480
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Author's Name: वारिस
About the Author: 'वारिस', एक कवि हैं, जिन्होंने अपने पिता, श्री जयंत देशपांडे 'जय' से कविता की विरासत पाई। १९९७ में पिता के निधन के बाद उन्होंने लेखनी संभाली। इंजीनियरिंग और आईटी क्षेत्र में होने के बावजूद, कविता उनकी पहचान है। हिंदुस्तानी भाषा में उनकी रचनाएँ जीवन, प्रेम और दर्शन को छूती हैं, जो उनकी आत्मा की गूंज बनती हैं। Book ISBN: 9789369533480