Description of the Book:
"स्त्री - एक शब्द नहीं , संपूर्ण सृष्टि है। वह मां के रूप में ममता है ,बेटी के रूप में आशा ,बहन के रूप में अपनापन और पत्नी के रूप में समर्पण। पर इन सब रिश्तों से परे, वह स्वयं का भी एक अस्तित्व रखती है - जो अक्सर समाज के शोर में अनसुना रह जाता है। यह संग्रह, उसी खोई हुई आवाज़ की तलाश है।"
कलयुग की धूप नारी के अनेक रूप-नारी सशक्तिकरण और समाज में परिवर्तन
SKU: 9789370927759
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Author's Name: डॉ. पारुल ढींगरा
About the Author: "डॉ पारुल ढींगरा, एक पेशेवर डेंटिस्ट होने के साथ-साथ एक भावुक कवयित्री भी हैं , जो समाज की उन आवाज़ों को अभिव्यक्त करने के लिए लिखती हैं जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है ।उनकी कविताएं समाज के उन पहलुओं को उजागर करती हैं जिन्हे बदलने की अवश्यकता है। वे मानती हैं कि समाज में वास्तविक बदलाव तभी संभव है जब हर व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या महिला समानता ,समझ और सम्मान के प्रति प्रतिबध्द हो। " Book ISBN: 9789370927759