Description of the Book:
नादान ही अच्छे थे… जब उम्र बढ़ने लगती है, ये शब्द गहरे, और गहरे होते जाते हैं। पढ़ने वाला और लिखने वाला दोनों ही इन शब्दों को दिल से पुकारते हैं… नादान ही अच्छे थे। यह पुस्तक सरल कविताओं और तुकबंदियों' का संग्रह है| जो खुशी, दुःख, वेदना और प्रेम आदि के विषयों को छूती है। अपने अंधेरे कमरे में अकेले बैठा हुआ, शून्य में घूरता हुआ कोई, कोई बगीचे में बच्चों को खेलते देख, अपने बचपन, अपने अतीत को याद करता हुआ—यह पुस्तक जीवन के ऐसे कई पहलुओं को दर्शाती है। इसमें आपको अपने जीवन के अंश मिलेंगे। यह पुस्तक उन लोगों के लिए है जो भीड़ में अकेला महसूस करते हैं, जो खुद से प्रेम करना चाहते हैं। "कुछ फ़ैसले, कुछ फ़ासले"—इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन में रौशनी लाने का निमंत्रण…स्वीकार करें।
कुछ फ़ैसले कुछ फ़ासले - मैं आऊँगा जहन्नुम से रौशनी लिए
SKU: 9789363311329
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Author's Name: शैंकी शर्मा
About the Author: शैंकी शर्मा, गुड़गांव के रहने वाले हैं, जहाँ शहर की रफ़्तार और प्रकृति की शांति, दोनों मिलती है। सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और बी-टेक की पढ़ाई के साथ, शैंकी ने अपने जीवन को अभिनय और कविता के संवेदनशील स्पर्श से संतुलित किया। जीवन के उतार-चढ़ाव की गहराई से प्रभावित, जहाँ उनकी कविताएँ निराशा, अकेलापन, और दुःख जैसे विषयों पर गहराई से प्रकाश डालती हैं, वहीं हर पहलू में आशा की झलक भी देती हैं। पुराने लेखकों को सुनने और पढ़ने के शौकीन शैंकी अपने अनुभवों को लेखन में ढालते हैं और मानवीय भावनाओं के सार को संवेदनशील दृष्टिकोण से झलकाते हैं। शैंकी को खेल-कूद में सुकून मिलता है, उनका मानना है कि इनके बिना जीवन अधूरा लगता है। एक शौकिया रसोइये के रूप में, उन्हें नए व्यंजन बनाने में भी आनंद आता है। बाहर की प्राकृतिक दुनिया उन्हें खुले आसमान के नीचे, शांत-चित्त क्षणों के लिए प्रेरित करती है। प्रकृति में डूबे, कल्पनाओं में खोए, शैंकी की अंतर्दृष्टि और सहज मानवीय सुखों के प्रति प्रेम उनके लेखन में झलकता है। Book ISBN: 9789363311329