top of page

Description of the Book:
 

"इंद्रधनुष के सात रंग हैं, चटक लाल है, नीलकंठ है; चलना जो ये शुरू किया अब, मीलों बिछ गए जैसे पंथ हैं। अम्बर में रेखा सूरज की, अब ना तो उड़ पाये कब ही; पंखों ने विस्तार बढ़ाया, उड़ने का आकार बनाया; जो आरंभ हुई है चढ़ान, अब बस लेनी है ये उड़ान...!" 'उड़ान', विविधता से सम्पूर्ण कविता-संग्रह, जो दिन-बदिन के आम अवलोकन तथा विचारों से आसमाँ को तक नाप लेने की ख्वाहिश रखता एवं कोशिश करता है। बीस काव्य रचनाएँ, जो मन के समंदर में गहरी डुबकी लगाकर अंतर्मन की आवाज़ को सतह तक खींच कर लातीं और शब्दों के रूप में प्रेक्षक के समक्ष प्रस्तुत करती हैं। हृदय में भावों और सुझावों से उतपन्न ख़यालों के एक अनंत सागर में से एक मटका भर सोच का पानी, आँखों को पखारने के लिए, यहाँ कागज़ और कलम में बिखेरा है। "मन सोच का पुलिंदा है.. यहाँ कुछ शब्द उसके चुनिंदा हैं...।"

उड़ान

₹50.00Price
  • Author Name: Keshavan
    About the Author: शोभित सतीश डी, जन्म: 18 सितंबर, 2002, भोपाल(म.प्र.)। बचपन से ही मुझमें लय, तुक, काव्य तथा कला-संबंधी हर गतिविधि में अत्यंत रूचि थी; काव्य गुण एवं भावनाओं से युक्त कुछ निज का विशेष रचने की एक ललक भी। अक्सर तुकबंदियों और धुनों में क्रीड़ा करता पर उन्हें व्यवस्थित रूप से शब्द-बद्ध न कर पाता..। आखिरकार मेरी इस रचनात्मक अभिलाषा का सपना उस दिन साकार हुआ जब मेरे माता-पिता की शादी की पच्चीसवीं सालगिरा थी; बड़े भाई के एक अद्भुत सुझाव के पश्चात्, मैंने अपने मनोभावों को कविता के माध्यम से अभिव्यक्ति दी, और अपनी पहली स्वरचित कविता उन्हें भेंट स्वरूप दी। उस दिन से मेरा सफर आज भी जारी है। शब्दों से खेलना आज भी जारी है। जब कोई वस्तु या स्तिथि; चाहे वह जड़ हो या चेतन, भूत हो या वर्तमान; मुझे आकर्षित करता है, तब उनके प्रति मेरी रचनात्मकता उमड़ने लगती है। मैं अपनी भावनाओं और संभावनाओं को प्रकट करने के लिए, कल्पना की उड़ान भरने लगता हूँ। बहती हुई मंद पवन के कोमल स्पर्श का एहसास, अम्बर का विस्तार और उसपे चमकते चाँद का सौंदर्य, हृदय में जागते मेरे सपने के प्रति मेरी सोच को प्रकट करने के लिए ही मैं कईं बार कलात्मक उड़ान भर चूका हूँ। आशा करता हूँ कि; माता-पिता, बड़े भाई और परिजनों के आशीर्वाद एवं उनके साथ से मैं ये अनवरत उड़ान सदा भरता रहूँगा...।

     

bottom of page