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Description of the Book:

 

"उधेड़बुन" कविता, शायरी या ना जाने क्या लिखा है की उधेड़बुन में लिखी एक पुस्तक है।

ये पुस्तक प्रेम, जीवन और राजनीति के विषयों को कभी टटोल कर, कभी खोल कर , कभी छू कर निकलती रहती है। इसमें कुछ ऐसी कविताएँ है जो आप मंच पर सुना सकते है, कुछ ऐसी जो सिर्फ़ आपको सुकून देने के लिए और कुछ आपको रात भर जगाने के लिए है।

ये संग्रह हमारे आपके सबके जीवन से सीधे जुड़ा है तो आप हर लेख को बहुत क़रीब से महसूस कर पाएँगे, हर भाव आपको चिर-परिचित ही लगेगा। कभी आप वाह कहेंगे तो कभी आपकी आँखों में भरा हुआ एक आँसू, कभी आप प्रेरित महसूस करेंगे तो कभी सिर्फ़ मुस्कुरा कर किताब को सीने से लगा लेंगे और फिर पन्ना पलट लेंगे।

उधेड़बुन

SKU: 9789360944537
₹110.00Price
  • Author's Name: ज़िद्दी राजन

    About the Author: ज़िद्दी राजन यानि कि मैं! मुझे ज्यादातर लोग अभिषेक द्विवेदी के नाम से जानते है और मेरा परिचय उनके लिए एक घुम्मक्कड़, अनातर्मुखी या engineer के तौर पर होगा। कई लोग मुझे सिर्फ़ इसलिए जानते होंगे कि मैंने दो चार शोर्ट फिल्म्स बनाई है। या शायद कुछ लोग इसलिए जानते होंगे कि मैं हिन्दी भाषा का प्रचार करता रहा हूँ दिल्ली या उसके आस पास के शहरों में। पंद्रह देशों में घूमने और बहुत उतार चढ़ाव की ज़िंदगी जीने के बाद मैंने यह महसूस किया कि जो आप करना चाहते हो उसे कर ही लेना चाहिए। वैसे मैं तो बचपन से ही कुछ ना कुछ लिखता रहा हूँ पर फिर एक दिन ये निर्णय हुआ कि ज़िंदगी की इस उधेड़बुन से निकल कर कुछ लिखता हूँ और इसी तरह मैंने छापने के लिए लिखना शुरू किया। उम्मीद है कि मेरा लेखन आपके मन के उन भाव को छू पाएगा जिसके लिये आपने इस किताब को उठाया है।
    Book ISBN: 9789360944537
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