Description of the Book:
यह किताब कुछ कविताओं का गुच्छा है जो जिंदगी में मिले अच्छे-बुरे समय में सुख-दुःख के अनुभवों को व्यक्त करती है। ये सभी कवितायें मैंने MND से ग्रस्त होने के बाद लिखी हैं, जब तक बन सका व्हाइट बोर्ड पर और अब तकिया पर उँगली से।
जब मैं न चल पा रहा था, न बोल पा रहा था तब इन कविताओं ने मुझे मेरी बात व्यक्त करने में मदद की और जिंदगी के आखिरी समय में सबसे बड़ी चुनौती से लड़ने की शक्ति दी। कविता के रूप में मेरे दिल के विचार अगर आपके दिल को छूते है तो प्रभु का अंतिम उपहार ‘अलविदा के उद्ग़ार’ मेरे लिए अनमोल होगा।
अलविदा के उद्गार
SKU: 9789358732801
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Author's Name: Ashok Kumar Tomar About the Author: By Ashwini SIngh Tomar (Son) लेखक है हमारे पिताजी, अशोक कुमार तोमर। भरतपुर के मामूली से इलाके से निकले रेलवे से रिटायर्ड इंजीनियर जिन्होंने फिर कई रेलवे स्टेशन और दफ्तरों और ज़िन्दगियों की दिशा और दशा बदली। "इनसे डॉक्यूमेंट साइन करवा लीजिये, पता नहीं हाथ कब तक काम करें, ज़्यादा से ज़्यादा 6 महीने का समय है" तोमर साहब ने ज़िन्दगी में बड़े अचंभित करने वाले काम किये पर अगर कोई एक चुनना हो तो वो यही होगा। आज जब डॉक्टर की यह बात कहे चार साल हो गए हैं, तो भी मुस्कुराते हुए अपने व्हाइट बोर्ड पर लिख रहे हैं। ऐसा कुछ देखा नहीं कभी, ना मैंने, ना इन्हें ट्रीट कर रहे डॉक्टर्स ने और शायद इन्हे देखने वाले ज़्यादातर लोगों ने। तो आइये मिलते है कवि अशोक कुमार तोमर से जो MND से डायग्नोज़ होने के पाँच साल बाद भी कपकपाते हाथों से अपनी कलम से कुछ हीरे पिरोह रहे हैं Let's take you on a ride on the whiteboard with A.K. Tomar Book ISBN: 9789358732801