Description of the Book:
दिल में एक समंदर रहता था। जज़्बात की लहरें उठकर ज़हन से टकराती रहीं। कभी कुछ लहरें आँखों की कोरों तक आयी और कभी कुछ लबों के किनारों तक। कुछ छींटे ज़िद करके लबों की हद के बाहर निकले वो कुछ नज़्मों की शक्ल में ढ़ल गए। मैंने वही इस किताब की नज़र किये। रूह की आवाज़ और लफ़्ज़ों का साज़।
ख़ामोशी-जो कभी कहा नहीं...
SKU: 9789369534593
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Author's Name: शालिनी शर्मा
About the Author: शालिनी नाम दिया है माता पिता ने। ऐसी कोई पहचान मैंने अब तक नहीं बनाई जिसे यहाँ लिखा जा सके। पढ़ने का शौक मेरे डी एन ए में है और लिखना शायद कभी मेरी पहचान बन जाये फ़िलहाल ये मेरी रूह का सुकून है। Book ISBN: 9789369534593