Description of the Book:
कुछ अधूरी रहकर भी परसुकून, कुछ पूरी होकर भी बेचैन ख्वाहिशें की झलक है ये।
कुछ हकीकत तो कुछ फ़साने हैं। कुछ आप बीती। कुछ जग बीती।
कुछ भीड़ में तो कुछ तन्हाई में मिले एक खलिश की झलक है ये।
हज़ार ख्वाहिशें, एक खलिश
SKU: 9789395255936
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Author Name: उमैर शाहिद(खलिश) About the Author: रोज़ी रोटी के लिए दिन में मुलाज़िम और कैदी। रात और ख्यालों में आज़ाद। ख्वाबज़ादा लेकिन उससे ज़्यादा खौफजादा। ग़ज़लें, कहानियां, और चाय। ग़ालिब, गुलज़ार, और बॉलीवुड में दुनिया समाय। Book ISBN: 978-93-95255-93-6