Description of the Book:
'सीमित से असीमित की ओर'' शीर्षक इस पुस्तक का यह दर्शाता है कि हर एक कविता कैसे हर एक परिस्थिति को हर एक दिशा से देखने की कोशिश करती है | कैसे हर एक कविता सोचने पर मजबूर करती है और दिखाती है की बुद्धि को सीमा मे रखकर कभी - कभी हम चीजो का एक अपना नज़रिया बना लेते है जिसके कारण से हम चीज़ो की, लोगो की और संसार की भिन्नताओं को ख़ूबसूरती के रूप मे ना देखकर हीन भावना से देखने लगते है |
ये सारी कविताये प्रेरित है जिंदगी के अनुभवों और आध्यात्मिकता के निष्पक्ष नज़रिये के संगम के मेल से तो कभी ये गहराई मे ले जाएगी तो कभी बेहद सोचने पर मजबूर करदेगी | ये पुस्तक मे कविताये आपके दिल और दिमाग़ पर एक गहरा प्रभाव छोड़ेगी |
सीमित से असीमित की ओर
SKU: 9789363312562
₹110.00Price
Author's Name: Deependra Srivastava
About the Author: दीपेन्द्र एक अन्वेषक किस्म के व्यक्तित्व हैं, जिनमें जीवन और जीवन की स्थितियों को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखने की जिज्ञासा है। उनका मानना है कि आध्यात्मिक दृष्टिकोण ही निष्पक्ष दृष्टिकोण है। वह इसलिए नहीं लिखते क्योंकि उन्हें इस बारे में जुनून है बल्कि वह चीजों को व्यक्त करने के लिए लिखते हैं और प्यार से दुनिया के साथ साझा करना चाहते हैं। उनका मानना है कि आध्यात्मिकता का सार केवल सच्चे गुरु द्वारा ही समझा जा सकता है। उनका यह भी मानना है कि आध्यात्मिकता हमारे सच्चे स्व को समझने और यह बंदर दिमाग कैसे काम करता है, इसे समझने के बारे में है। वह आमतौर पर सार्वजनिक इंस्टाग्राम पेज मिक्स पोएट्रीज़ पर अपनी रचनाएँ ऑनलाइन पोस्ट करते हैं, जहाँ आप उनके द्वारा लिखी गई ऐसी कई ईमानदार रचनाएँ पा सकते हैं। Book ISBN: 9789363312562