Description of the Book:
जीवन इच्छाओं से अनुभवों की यात्रा है जो भावनाओं के साथ बुनी गई है; यह आपकी परिस्थितियों, लोगों और बाहरी व्यवस्था में प्रतिबिंबित होती है।
"शून्य की ओर" ऐसी आत्म-खोज यात्रा और आध्यात्मिक जागृति के अनुभवों से उभरी कविताओं का एक संग्रह है। इन कविताओं में एक पवित्र स्थान है जहाँ शब्द अपनी सीमाओं को पार करते हैं और अपने बारे में, अपने जीवन और जीवन के उद्देश्य के बारे में गहरी पूछताछ की ओर ले जाते हैं।
कविताओं में स्वयं के अस्तित्व को पहचानने के लिए गहरे प्रश्न "मैं कौन हूं?" से उत्पन्न होने वाली चरम भावनाओं के क्षणों को दर्शाया गया है, भ्रम-स्पष्टता, उदासी-आनंद, अलगाव-एकता, घृणा-प्रेम क्योंकि मन स्थिरता में बसने से पहले चरम सीमाओं पर डोलता है।
पंक्तियाँ आत्मनिरीक्षण और आशा की बात करती हैं, उन लोगों के लिए जो अपने स्वयं के प्रकाश में मार्गदर्शन चाहते हैं।
ये शब्द हमें संदेह करने, सोचने और अपनी चेतना के रसातल में जाने के लिए प्रेरित करते है। रूमी की भांति, अमिता की कविताएँ आध्यात्मिक सार से भरी हुई है-दिव्य संबंध की तलाश दर्शाती है।
इन पंक्तियों को पढ़ने से आपके जीवन के अनुभवों के प्रतिबिंब प्रकट हो सकते हैं। आपकी आकांक्षाओं और आध्यात्मिक खोज को व्यक्त करने वाली प्रतिध्वनि हो सकती हैं।
Shoonya Ki Oor
Author's Name: अमिता
About the Author: अमिता एक IT प्रोफेशनल होने के साथ एक प्रमाणित इमोशनल थेरेपिस्ट और माइंड कोच भी हैं और बचपन से ही एक आध्यात्मिक साधक रही हैं। जीवन की भागदौड़ में कुछ समय के लिए उनकी प्राथमिकताएं बदल गईं। फिर उन्हें म्यस्थेनिआ ग्रेविस और कैंसर के कारण अस्वस्थता हुई और फिर उन्होने अपने प्रियजनों के साथ रिश्ते में चुनौतियां महसूस की। "मैं ही क्यों?" सवाल इतना प्रबल था कि जीवन के वास्तविक सार को खोजने हेतु उन्होंने आध्यात्मिक पथ अपना लिया। शारीरिक पीड़ा से मुक्ति पाने हेतु उन्होंने रेकी, EFT, प्रतिगमन, आत्म अवलोकन और कई अन्य भावनात्मक उपचार विधियों का सहारा लिया। अपनी इस आध्यात्मिक यात्रा में, उन्हें बोध हुआ कि हम जो भी महसूस करते हैं वह इस देह के दायरे में ही है, कुछ बाहर नहीं, और यह बोध उन्हें कविताओं के माध्यम से प्राप्त हुआ। ये कविताएँ परिवर्तनकारी हैं और मंत्रमुग्ध कर देती हैं। "शून्य की ओर" ऐसी कविताओं का एक संग्रह है जो खुद को खोजने की उनकी यात्रा में एक मील का पत्थर बन गई। रूमी की तरह, अमिता की कविता आध्यात्मिक सार, दिव्य संबंध की लालसा और आत्म-जागरूकता की परिवर्तनकारी शक्ति में अटूट विश्वास से ओत-प्रोत है। जैसे-जैसे आप इन पृष्ठों को पढ़ते हैं, आपको अपने स्वयं के अनुभवों, आकांक्षाओं और आध्यात्मिक खोजों की प्रतिध्वनि मिल सकती है। अधिक अपडेट के लिए फॉलो करें, इंस्टा पर: @healwithAmita फेसबुकः amita.singh.5095 Book ISBN: 9789363310124