Description of the Book:
सड़क पर चलते-चलते, ऑटो में बैठे हुए, या फिर मेट्रो में खड़े-खड़े क्या कभी ये खयाल आया है कि "मैं कहाँ हूँ?"
आया है ना! और जब भी यह सवाल ज़हन में आता है, एक खोज सी शुरू हो जाती है खुद की, खुद में। बस खुद को खोजते खोजते इस सवाल को शब्द देने की कोशिश की है इस पुस्तक में। हो सकता है आपकी खोज को भी शब्द मिल जाए।
मैं कहाँ हूं?
SKU: 9789357741422
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Author's Name: सिद्धार्थ जैन About the Author: मैं पेशे से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। कविताएं और खयाल लिखना मेरा शौक है। जब भी कोई जज़्बात या जीवन का कोई पहलू दिल में घर कर जाता है, तब मैं लिखता हूँ। मेरे आस पास हो रही घटनाएँ, और उनकी वजह मेरे मन में आने वाले ख्याल ही मेरी कविताओं का आधार होते हैं। मेरी कविताएँ, मेरे लिए दुनिया और खुद को बेहतर समझने का एक ज़रिया हैं। इसी लिए मैं अपनी कही, अनकही बातों और भावनाओं को कविता का रूप देकर दुनिया को अपनी बात कहता हूँ। जो भी आप पढ़ेंगे उसमे मेरा एक अंश है जिसे बहुत प्यार से शब्दों में पिरोया है। Book ISBN: 9789357741422