Description of the Book:
जिंदगी में कई ऐसे कडवे सच घोले हुये हैं, जिसे लोग बताने से डरते हैं और कई बार उस सच का सामना भी नहीं कर पाते। कुबुलनामा एक ऐसी पेशकश है जिसमे हर वो बात का वर्णन किया गया है जो एक सामान्य इंसान ने अपनी जिंदगी में देखा हो और महसूस किया हो। वैसे तो कोई अपने दर्द या तकलीफें नहीं बताता, पर उन बातों को मैंने कुबुल कर इस किताब को कुबुलनामे का स्वरूप दिया है। जन्म, यादें, लम्हें और मौत जैसे विषयो पर काव्य रचित कर दर्शाई गई है। काल्पनिक विषयो पर भी चर्चा कर, एक मनोरंजन का लक्ष्य साधने की कोषिश कुबुलनामा में की गई है।
कुबुलनामा
₹50.00Price
Author Name: श्रेया मिस्त्री (स्वाश्रयी) About the Author: परिचय 9 साल के कष्ट सेह कर मेरी माँ ने मुझे 22 नवंबर, 2001 को जन्म दिया। एक मध्यम वर्गीय गुजराती परिवार में पली बड़ी। आज अपने परिवार में एक लौती लेखिका हूं। मेरा नाम है श्रेया मिस्त्री और मैं मेरा परिचय अपने उपनाम 'स्वाश्रयी' के रूप में इस किबात के म माध्यम से दूंगी । स्वाश्रयी को एक उपनाम बनाना ही मेरे जन्म को न्याय दे सकता है। वह उपनाम ही मेरे अस्तित्व का वर्णन है। स्वाश्रयी का अर्थ है जो किसी पे भी निर्भर ना हो और अपनी ही कठोर परिश्रम से आगे बढ़ रहा हो। फिलहाल में आईटी इंजीनियरिंग शाखा की छात्रा हु और साथ ही साथ में बच्चो को पढ़ाती भी हू।। एक शौक स्वरूप मेने लिखना शुरू किया था, और आज अपने लिखने की अखुट चाह की बदौलत में ये किताब का अनवरन करने जा रही हूं। लेखिका के रूप में मेरा पहला कदम यह किताब से ही शुरू होगा, और आशा है आगे भी मेरी कलम कुछ बोलने से न थके।