Description of the Book:
अंतर्मन मेरी कुछ कविताओं का संकलन है जिन्हें मैंने एक धागे में पिरोने की कोशिश की है। मेरा मानना है की हमारी अधिकतर परेशानी का निवारण हम जानते हैं पर हम उससे आंख मिलाने से कतराते है। अगर कोई दूसरा हमारे सामने वही परेशानी लेकर आता है तो हम तुरंत उसका हल उसे बता देते है पर खुद अमल नहीं कर पाते हैं। इसी को दर्शाते हुए एक साधु के रूप में मेरा अंतर्मन मुझसे क्या बातें करता है उसकी झांकी यह है ये मेरा छोटा सा कविता संग्रह - अंतर्मन।
अंतर्मन
SKU: 9789357692250
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Author's Name: पंकज कुमार About the Author: मैं, पंकज कुमार, राष्ट्रीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान भुवनेश्वर से भौतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर हूं। मेरी प्रेरणा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर हैं और शायद इसीलिए मुझे ऐसी कविताएं पढ़ना पसंद है जो जटिल विषय पर लिखी हों अथवा मुझमें प्रबल भाव जगाती हों। भौतिकी और हिंदी काव्य के अलावा मुझे चित्रकला एवं टेबल टेनिस खेलना पसंद है। Book ISBN: 9789357692250