Description of the book
अधूरा सच
इस किताब में मैंने अपनी 20 कविताओं का समन्वय किया है जो अलग-अलग टॉपिक पर आधारित है
जिसमें मैंने मेरी मातृभाषा गुजराती और मेरी राष्ट्रभाषा हिंदी का इस्तेमाल किया है
मेरी किताब का नाम मैंने अधूरा सच रखा है क्योंकि इसमें लिखी गई सारी बातें सच है मगर आधी क्योंकि मैं सारा सच मेरी हर एक कविता में बताना नहीं चाहती इसीलिए इस किताब का नाम मैंने अधूरा सच रखा है
मेरी 20 कविताएं मैंने अपनी जिंदगी के अलग-अलग दौर पर लिखी है जिसकी वजह से उसमें उतार चढ़ाव मेरे मानसिक स्थितियों के हिसाब से दर्शाए गए हैं
अधूरा सच
₹50.00Price
Author Name:
Dr.Mahimaben Dipikaben Nileshkumar RamiAbout the Author: Hello everyone, i am Dr.Mahima Dipikaben Nileshkumar Rami. I wrote a poems since standard 4th & my grandfather always motivate me for this. I got opportunity after completion my M.B.B.S. to publish my book with help of this publishing house.My mummy & papa & brother & my friends always support me to write a poems. Book ISBN: 9781005562557